गरियाबंद, छत्तीसगढ़ – 10 मई 2025:
शहर विकास के नाम पर बीते वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई संरचनाएं अब खुद विकास की राह में बाधा बनती दिख रही हैं। गरियाबंद में बन रही नेशनल हाईवे (NH-130C) की चौड़ी फोरलेन सड़क अब उन निर्माणों को धराशायी करने जा रही है, जिन्हें हाल ही में लाखों-करोड़ों की लागत से तैयार किया गया था।
💡 580 स्ट्रीट लाइट पोल बनेंगे इतिहास
नगर पालिका द्वारा लगभग 1.5 करोड़ रुपए खर्च कर लगाए गए 580 स्ट्रीट लाइट पोल में से 280 पहले ही खराब हो चुके हैं। अब ये पोल भी NH निर्माण की जद में आ गए हैं और इन्हें हटाना या स्थानांतरित करना नगर पालिका के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन चुका है। कलेक्ट्रेट से पीएचई ऑफिस तक एक भी लाइट जलती नहीं दिख रही, और अब ये सभी पोल तोड़े जाएंगे।

🚰 4 करोड़ की पाइपलाइन पर बुलडोज़र!
इसी रूट में लगभग 4 करोड़ की लागत से बिछाई गई पानी की पाइपलाइन भी हाईवे निर्माण की बलि चढ़ने जा रही है। हालांकि नगरपालिका के सीएमओ का दावा है कि NHAI इसका पुनर्निर्माण कराएगा, लेकिन जानकारों की मानें तो यदि यह लाइन 12 मीटर की सीमा से बाहर बिछाई गई होती, तो यह नुकसान टल सकता था। विभागीय अधिकारियों की पहले दी गई चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करना अब भारी पड़ रहा है।
🌺 35 लाख का फव्वारा गार्डन भी चपेट में
PHC ऑफिस के पास 35 लाख की लागत से दो साल पहले बना फव्वारा गार्डन, जो उस समय कांग्रेस द्वारा ‘मनमानी’ का प्रतीक बताया गया था, अब नेशनल हाईवे के नीचे आने से तोड़ा जाएगा। कांग्रेस उस समय प्रभारी मंत्री तक शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन चुनावी ‘जश्न’ में यह गार्डन बना और अब सिर्फ दो साल में ही उखाड़ा जाएगा।
📉 विकास या दिखावा?
कुल 5 से 7 करोड़ रुपये की लागत वाले निर्माण अब शहर के लिए बोझ बन चुके हैं। कांग्रेस ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए कठोर शब्दों में आलोचना की है, वहीं अब भाजपा के भीतर से भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर बिना दूरदृष्टि के इतनी बड़ी योजनाएं कैसे मंज़ूरी पा गईं?
अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या नगर की विकास योजनाएं जनता की भलाई के लिए होती हैं, या सिर्फ कार्यकाल की चमक के लिए?
