समस्तीपुर, 5 मई 2025: कई महीनों की खामोशी के बाद एक बार फिर NEET परीक्षा में फर्जीवाड़े का मामला चर्चा में है, जहां समस्तीपुर पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है जो परीक्षा में स्कॉलर को असली परीक्षार्थी की जगह बिठाता था। इस मामले में बिहार के बेगूसराय जेल में पदस्थ डॉक्टर रंजीत कुमार और रामबाबू मलिक को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 50 हजार रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन, एक कार, और कई छात्रों के एडमिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
पुलिस को यह सफलता तकनीकी सेल की सतर्कता के कारण मिली, जिसने यह जानकारी दी कि NEET परीक्षा में असली परीक्षार्थी की जगह किसी और को बैठाया गया था। सूचना मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मोहनपुर पुल के पास स्थित परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ी संदिग्ध कार से दोनों आरोपियों को पकड़ा।

मोबाइल जांच में चौंकाने वाले सबूत सामने आए। मोबाइल में कई छात्रों के एडमिट कार्ड, आधार कार्ड, और परीक्षा चार्ट मिले। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि वे परीक्षार्थी के स्थान पर स्कॉलर को बिठाकर उन्हें पास कराते हैं, और इसके बदले ढाई से पांच लाख रुपये तक वसूलते हैं।
एएसपी संजय पांडे ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि समस्तीपुर के कम से कम एक परीक्षा केंद्र पर 2–3 स्कॉलर बैठाए गए हैं। मोबाइल से मिले एडमिट कार्ड्स का मिलान परीक्षा केंद्र पर उपस्थित छात्रों से किया जा रहा है।
इस फर्जीवाड़े के तार पटना से भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इससे जुड़े अन्य परीक्षा केंद्रों की जांच में भी जुटी है।
यह घटना न केवल परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि उन मेधावी छात्रों के भविष्य पर भी खतरा बनकर उभरी है, जो अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ना चाहते हैं।
