रायपुर (छत्तीसगढ़), 3 मई – छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह तेजी से उभरती हुई आर्थिक शक्ति है। अप्रैल 2025 में राज्य ने ₹4135 करोड़ का वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह कर देश के शीर्ष 15 राज्यों में अपनी जगह बना ली है। इस उपलब्धि के साथ छत्तीसगढ़ ने केरल, पंजाब, बिहार और खनिज संसाधनों से समृद्ध झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
क्या है इस सफलता का राज?
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि राज्य सरकार द्वारा व्यापार और उद्योग क्षेत्र में किए गए प्रभावशाली सुधारों का प्रतिफल है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते 15 महीनों में व्यापारिक नियमों का सरलीकरण, बाधक कानूनों की समाप्ति, ऑनलाइन सेवाओं की उपलब्धता, और उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया को आसान बनाने जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

निवेश और व्यापार को मिली नई उड़ान
राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस की बाध्यता को खत्म करना, छोटे एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना, और ई-गवर्नेंस को प्रोत्साहित करना जैसी पहलों ने छत्तीसगढ़ को व्यापारिक दृष्टि से आकर्षक राज्य बना दिया है।
आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम
जीएसटी संग्रहण में यह बड़ी छलांग छत्तीसगढ़ की आर्थिक आत्मनिर्भरता और राजस्व सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत संकेत है। इससे न केवल राज्य की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी, बल्कि आने वाले समय में विकास योजनाओं को और अधिक गति भी मिलेगी।
