केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कांस्टेबल मुनीर अहमद के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। कारण है – एक पाकिस्तानी नागरिक से बिना आधिकारिक अनुमति के विवाह करना। यह मामला अब न केवल नियमों की अवहेलना बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, मुनीर अहमद जो वर्तमान में सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन में तैनात हैं, ने पाकिस्तानी महिला मेनल खान से शादी करने के लिए अनुमति मांगी थी। हालांकि विभाग द्वारा निर्णय लिए जाने से पहले ही उन्होंने 24 मई 2024 को व्हाट्सऐप वीडियो कॉल के माध्यम से विवाह कर लिया। इस गैरकानूनी क़दम के बाद अब मामले की औपचारिक समीक्षा और अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू हो गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामला नीतिगत निर्णय की श्रेणी में आता है और जम्मू-कश्मीर ज़ोन ने स्पष्ट रूप से सुझाव दिया था कि इस तरह के मामलों में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
“चूंकि यह मामला एक पाकिस्तानी लड़की से विवाह का है और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है, इसलिए इसे मुख्यालय को फिर से भेजा गया और NOC न दिए जाने की सिफारिश की गई,” रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। कांस्टेबल मुनीर अहमद ने न केवल विभाग को यह जानकारी नहीं दी कि उनकी पत्नी की वीज़ा अवधि समाप्त हो चुकी है, बल्कि उन्होंने यह भी नहीं बताया कि उनकी पत्नी भारत में ही रह रही हैं। यह भी पता चला है कि उन्होंने अदालत में यह दावा किया कि उन्होंने सीआरपीएफ को विवाह की जानकारी दी थी, जबकि विभाग के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या व्हाट्सऐप वीडियो कॉल पर किया गया यह विवाह वैध है? और क्या इस विवाह के पीछे कोई गहरी साजिश छिपी हो सकती है?
हाल ही में हुए पाहलगाम आतंकी हमले और भारत सरकार द्वारा सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर भेजने के आदेश के चलते, मेनल खान को वाघा बॉर्डर ले जाकर वापस भेजने की कोशिश की गई। हालांकि, 29 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 10 दिन की राहत देते हुए उनकी तत्काल वापसी पर रोक लगा दी।
अब देश की सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं और कांस्टेबल मुनीर अहमद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
