करनाल, 1 मई 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए नेवी अफसर लेफ्टिनेंट विनय नारवाल को उनके जन्मदिन पर करनाल में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। जहां पूरा परिवार आंसुओं में डूबा था, वहीं पत्नी हिमांशी नारवाल ने दृढ़ता के साथ कहा –
“हमें मुसलमानों या कश्मीरियों से नहीं, आतंकवाद से लड़ना है। जो हमारे साथ गलत हुआ, उसके लिए न्याय चाहिए। दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।”
विनय और हिमांशी की शादी हमले से ठीक सप्ताह भर पहले ही हुई थी। नवविवाहित दंपती हनीमून मनाने पहलगाम गए थे, जब आतंकियों ने उन्हें बेहद करीब से गोली मार दी। इस हमले में कुल 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

करनाल में आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान हिमांशी और शहीद की मां ने विनय की तस्वीर पर फूल चढ़ाए और चूमकर विदाई दी। वहीं, बहन शृष्टि नारवाल ने रक्तदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा –
“आप लोगों का साथ हमारे लिए बहुत मायने रखता है। सरकार ने भी पूरा सहयोग दिया है।”
शिविर का आयोजन करनाल स्थित एनजीओ “नेशनल इंटिग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स (NIFAA)” ने किया था। संगठन के अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नू ने कहा –
“जो जवान देश के लिए खून बहाता है, उसके सम्मान में आज हम रक्तदान कर रहे हैं ताकि किसी और की जान बचाई जा सके। आतंकवाद ने एक होनहार युवा को हमसे छीन लिया, लेकिन उसका बलिदान हम सबके दिलों में ज़िंदा रहेगा।”
रक्तदान करने आए एक प्रतिभागी ने भावुक होकर कहा –
“हम विनय नारवाल के बलिदान के ऋणी हैं। हम केवल खून देकर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं, लेकिन उनके जाने का खालीपन कोई नहीं भर सकता।”
विनय नारवाल की देशभक्ति, वीरता और त्याग आज पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गई है। उनके शब्दों में नहीं, कर्मों में जिंदा रहने वाले इस वीर सपूत को करनाल ही नहीं, पूरा भारत नमन कर रहा है।
