वैशाली नगर, 25 अप्रैल 2025। वैशाली नगर निवासी युवा कॉन्ट्रेक्टर श्री दीपक भाई सोलंकी (45 वर्ष) के दुखद निधन के पश्चात पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। इस कठिन समय में, सोलंकी परिवार ने नेत्रदान और देहदान का साहसिक निर्णय लेकर समाज को एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।
श्री दीपक भाई सोलंकी की पत्नी श्रीमती शालिनी सोलंकी, पुत्री दीप्ती, रिया और पलक, तथा बहन आशा बेन और भाई लोचन भाई गोहिल ने अपनी नम आँखों से नेत्रदान और देहदान की सहमति दी। परिवार की इस सहमति से नेत्रदान और देहदान की प्रक्रिया पूरी हुई, जिससे दो परिवारों का जीवन संवरने का मौका मिला।

नवदृष्टि फाउंडेशन के सहयोगियों राज आढ़तिया, कानजी भाई, कुलवंत भाटिया, रितेश जैन, हरमन दुलई, और यतीन्द्र चावड़ा ने इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर संदीप बाचकर और नेत्र सहायक विवेक कसार ने कॉर्निया कलेक्ट किया। इसके साथ ही, देहदान प्रक्रिया का संचालन अंजलि वंजारा के मार्गदर्शन में संदीप रिशबुड और हंसराज ने किया।
श्री दीपक भाई सोलंकी के निधन के बाद, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन परिवार के करीबी कानजी भाई ने उनका मार्गदर्शन किया और नेत्रदान एवं देहदान की आवश्यकता का प्रस्ताव रखा, जिसे सोलंकी परिवार ने स्वीकार किया।
सोलंकी परिवार और उपस्थित विशाल जनसमूह ने नम आँखों से दीपक भाई सोलंकी का मृत शरीर श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज को सौंपा, और इस महान कार्य को श्रद्धांजलि अर्पित की।
नवदृष्टि फाउंडेशन की ओर से अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया, राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी, मुकेश आढ़तिया, मंगल अग्रवाल, हरमन दुलई, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, किरण भंडारी, उज्जवल पींचा, सत्येंद्र राजपूत, सुरेश जैन, राजेश पारख, पीयूष मालवीय, दीपक बंसल, विकास जायसवाल, मुकेश राठी, प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ, सपन जैन, यतीन्द्र चावड़ा, जितेंद्र कारिया, बंसी अग्रवाल, अभिजीत पारख, मोहित अग्रवाल, चेतन जैन, दयाराम टांक, विनोद जैन, राकेश जैन ने दीपक भाई सोलंकी को श्रद्धांजलि अर्पित की और सोलंकी परिवार को उनकी इस महान कार्य के लिए साधुवाद दिया।
