CGPSC भर्ती घोटाला: CBI ने छत्तीसगढ़ में पांच ठिकानों पर मारे छापे, कांग्रेस शासनकाल की परीक्षा में गड़बड़ी का मामला

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच तेज हो गई है। शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने गुरुवार को रायपुर और महासमुंद जिलों में पांच स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल (2020–2022) में हुई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले में की गई है।

सीबीआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रायपुर के तीन और महासमुंद के दो ठिकानों पर छापे मारे गए, जो पांच संदिग्ध व्यक्तियों से जुड़े हैं। इन छापों के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

इस मामले में सीबीआई ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें उस समय के CGPSC अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, उनके भतीजे नितेश और साहिल सोनवानी, तत्कालीन उप नियंत्रक परीक्षा ललित गणवीर, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार शामिल हैं।

जांच में खुलासा हुआ कि नितेश, साहिल और शशांक गोयल को डिप्टी कलेक्टर के पद पर तथा साहिल सोनवानी को डिप्टी एसपी पद पर चयनित किया गया था। जनवरी 2025 में सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ रायपुर की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

चार्जशीट के अनुसार, तमन सिंह सोनवानी ने प्रश्न पत्र अपने भतीजों को लीक किए थे। इसके अलावा उन्होंने ललित गणवीर के साथ मिलकर श्री बजरंग पावर एंड इस्पात के निदेशक श्रवण गोयल को भी प्रश्न पत्र मुहैया कराए, जिन्होंने इन्हें अपने बेटे और बहू को सौंपा।

सीबीआई की जांच अब भी जारी है और अन्य उम्मीदवारों तथा CGPSC के अधिकारियों की भूमिका की भी गहराई से जांच की जा रही है।