दुर्ग: छत्तीसगढ़ में सीबीआई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस नेताओं और कई आईएएस/आईपीएस अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी के खिलाफ कांग्रेस द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया। भाजपा दुर्ग जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने इस विरोध को कांग्रेस की संविधान विरोधी राजनीति का प्रतीक बताया और सवाल उठाए कि अगर कांग्रेस नेताओं ने कोई गलत काम नहीं किया, तो वे जाँच और छापों से इतने घबराए हुए क्यों हैं?
कांग्रेस का विरोध या गड़बड़ी पर पर्दा डालने की कोशिश?
भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की जाँच प्रक्रिया का विरोध करके कांग्रेस अपनी राजनीतिक गिरावट को उजागर कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री ने कुछ गलत नहीं किया है, तो उन्हें जाँच एजेंसियों का सहयोग करना चाहिए, न कि विरोध में पुतला दहन और हमलों का सहारा लेना चाहिए।

उन्होंने भूपेश बघेल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासनकाल में कांग्रेस के ही मंत्री और विधायक अफसरों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता को उजागर करते रहे, लेकिन बघेल ऐसे अफसरों को बचाते रहे। अब जब जाँच शुरू हुई और दोषी अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे, तो बघेल इसे भाजपा का षड्यंत्र बताकर दोषियों का बचाव करने में लगे हैं।
ईडी और सीबीआई पर हमला: कांग्रेस का इतिहास दोहराया गया?
भाजपा नेता ने कांग्रेस को याद दिलाया कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जाँच के दौरान भी कांग्रेस नेताओं ने जाँच एजेंसी पर हमला किया था। अब फिर से पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन करके कांग्रेस वही दोहरा रही है।
“कांग्रेस को संविधान और कानून पर भरोसा नहीं?”
सुरेंद्र कौशिक ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस को भारतीय संविधान और कानून पर भरोसा नहीं है? जिस तरह से कांग्रेस नेता जाँच एजेंसियों पर दबाव बनाने के लिए पहले हमले कर रहे हैं और अब पुतला दहन कर रहे हैं, उससे साफ होता है कि कहीं न कहीं कांग्रेस कुछ छुपाना चाहती है।
“जाँच एजेंसियों को अपना काम करने दें”
भाजपा जिलाध्यक्ष ने भूपेश बघेल और कांग्रेस नेताओं को सलाह दी कि वे संवैधानिक संस्थाओं के काम में बाधा डालने के बजाय, उन्हें स्वतंत्र रूप से जाँच करने दें और पूरा सहयोग करें।
