दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आईएस अधिकारी गोविंद राम चुरेन्द्र ने दुर्ग संभागायुक्त का पद सम्हाल लिया है। 2003 बैच के आईएएस अधिकारी चुरेंद्र ने रायपुर संभाग के साथ ही दुर्ग के संभागायुक्त का दायित्व भी सौंपा गया है। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने संभागायुक्त कार्यालय में विचाराधीन आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की तथा अधिकारियों-कर्मचारियों की समीक्षा बैठक ली। इस मौके पर उन्होंने संभागायुक्त कार्यालय के अधिकारियों से कहा कि कार्य से ऐसे मानक स्थापित करें जिससे अन्य कार्यालय भी प्रेरणा लेकर नवाचार कर पाएं और जनसमस्या निवारण की दिशा में निरंतर प्रभावी कदम उठा पाएं।
संभागायुक्त ने कार्यालय प्रबंधन से संबंधित जो प्रमुख निर्देश दिए है। उन्होंने संभाग के एक्जीक्यूटिव अधिकारियों की डायरी को लेकर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दो प्रमुख बिंदु जिससे अधिकारियों के कार्यकलाप की मानिटरिंग करना सहज होता है वे अग्रिम दौरा कार्यक्रम हैं और दूसरी मासिक दैनंदिनी जो वे हर महीने बनाते हैं तथा उच्चतर कार्यालय को प्रेषित करते हैं। यह सुनिश्चित करें कि महीने के पहले सप्ताह में पिछले महीने किए गए कार्यों की डायरी आ जाए ताकि इससे अधिकारी द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अधिक जानकारी मिल सके तथा उनकी कार्यप्रणाली की सटीक मानिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के बारे में बेहतर फीडबैक मिलता है। सीनियर अधिकारियों को यह भी जानने में आसानी होती है कि उन्होंने जिन अधिकारियों को जमीनी स्तर पर कार्य का दायित्व सौंपा है वे उसमें कितने खरे उतरे हैं। साथ ही किसी इलाके में आ रही परेशानी के संबंध में ज्यादा बेहतर तरीके से अवगत हो सकते हैं। संभागायुक्त ने कहा कि दूसरी बात जो अहम है वो अग्रिम दौरा कार्यक्रम बनाने की। जब तक आप योजनाबद्ध रूप से काम नहीं करते, आपके कार्य व्यवस्थित नहीं होते, आपको पूरी तरह सफलता नहीं मिलती। अग्रिम दौरा कार्यक्रम मंगवाने का यही उद्देश्य है कि जमीनी स्तर पर बेहतर मानिटरिंग सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि जिलों में सभी अधिकारियों की दैनंदिनी मंगाई जाएगी और वहां से इस कार्य के पूरे किए जाने के प्रमाणपत्र मंगवाए जाएंगे।
संभागायुक्त कार्यालय में किस तरह से अधिकारी-कर्मचारियों ने काम किया। इसकी मानिटरिंग भी की जाएगी। इसके लिए दैनिक कार्य विवरणी बनेगी जिसमें एक छोटा सा प्रपत्र होगा जिसमें विवरण भरना होगा। संभागायुक्त ने कहा कि इससे हमें दिन भर के काम से वाकिफ तो हो ही पाएंगे, साथ ही इसमें टिप भी होगी कि किसी खास कार्य में परेशानी तो नहीं हो रही। इसके मुताबिक इसका समाधान किया जाएगा।
न्यायालयीन मामलों को देखने के लिए पृथक न्यायिक शाखा बनाने के निर्देश भी संभागायुक्त ने दिए। उन्होंने कहा कि इससे समयसीमा में इन मामलों से संबंधित प्रतिवेदन आदि बनाने का कार्य व्यवस्थित रूप से हो सकेगा। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर बीएल गजपाल, आरके खुंटे, मोनिका कौड़ो एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।