छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम ने करवट बदली है। सरगुजा और बलरामपुर समेत कई इलाकों में झमाझम बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। खेतों में खड़ी गेहूं, चना, मक्का और सब्जी की फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बलरामपुर में ओलावृष्टि का कहर
बलरामपुर जिले में जमकर ओले गिरे, जिससे कई गांवों में बर्फ की चादर बिछ गई। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं, जिससे किसान परेशान हैं। अचानक हुए इस मौसम परिवर्तन से उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है।

शिमला जैसा दिखा लहसुनपाठ गांव
कोटपाली लहसुनपाठ गांव में हुई ओलावृष्टि के कारण पूरा इलाका बर्फ से ढक गया। सुबह के समय गांव का नजारा बिल्कुल शिमला जैसा दिखा। हालांकि, इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है, जिसका सही आकलन प्रशासन द्वारा किया जाएगा।
सरगुजा में भीषण ओलावृष्टि से बढ़ी किसानों की मुश्किलें
सरगुजा जिले में भी तेज गरज-चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई। खेतों और सड़कों पर बर्फ की मोटी परत जम गई। हालांकि, इस बारिश से गर्मी से राहत मिली, लेकिन रबी फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
प्रशासन ने नुकसान का जायजा लेना शुरू कर दिया है और किसानों को राहत देने के लिए योजना बनाई जा रही है। किसानों को सरकार से मुआवजे की उम्मीद है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हो सके।
