बोरई-रसमड़ा स्थित उद्योगों में स्थानीय निवासियों को रोजगार नहीं दिए जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना द्वारा सोमवार को प्रदर्शन किया गया। लगभग एक घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा अंजोरा बाइपास पर चक्का जाम भी किया गया। आंदोलन के मद्देनजर भारी पैमाने पर पुलिस बल मौके पर तैनात था। प्रशासनिक स्तर पर मांगों का निराकरण 15 दिन में किए जाने के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ क्रांति सेना द्वारा 10 फरवरी को बोरई रसमड़ा में संचालित उद्योगों ने छत्तीसगढ़ वासियों को रोजगार देने की बजाए दीगर प्रांत के रहवासियों को नौकरी दिए जाने के विरोध में धुर्रा छंडाव आंदोलन का आव्हान किया गया था। आव्हान के तहत समीपस्थ क्षेत्रों को ग्रामीण आंदोलन में शामिल हुए थे। ग्रामीणों की मांग थी कि उन्हें उद्योगों में नौकरी दिए जाने में प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा जय बालाजी उद्योग से निकाले गए मजदूरों को लंबित मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए। इन मांगो पर 15 दिवस के अंदर विचार कर निराकरण किए जाने का आश्वासन एसडीएम खेमलाल वर्मा द्वारा दिए जाने के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। आंदोलन का नेतृत्व छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के अमित बघेल कर रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी अंजोरा बाइपास नेशनल हाइवे पर भी जमा हो गए थे। जिससे हाईवे पर आवागमन अवरुद्ध हो गया था। लगभग 2 बजे से प्रारंभ यह प्रदर्शन 3.10 बजे तक जारी रहा। इस दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने भारी पैमाने पर पुलिस बल मौके पर तैनात था। प्रदर्शन व आवागमन को अवरुद्ध किए जाने के बाद आंदोलनकारी मौके से हट गए। इस मामले में पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी नहीं किए जाने की जानकारी मिली है।