रायपुर, 16 मार्च: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4% सरकारी टेंडर आरक्षित करने के फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे “तुष्टिकरण की पराकाष्ठा” बताते हुए कहा कि यह भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
‘असंवैधानिक’ फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग
शनिवार रात जारी एक बयान में सीएम साय ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी से अपील की कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इस फैसले को तत्काल वापस लेने का निर्देश दें।

साय ने कहा, “जहां-जहां कांग्रेस सत्ता में आती है, वह संविधान के मूल्यों को कमजोर करने का काम करती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समाज में विभाजन पैदा करने की सुनियोजित रणनीति पर काम कर रही है।
न्यायिक समीक्षा में नहीं टिकेगा फैसला
कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (KTPP) एक्ट में संशोधन कर मुस्लिम ठेकेदारों के लिए चार प्रतिशत सरकारी टेंडर आरक्षित करने का निर्णय लिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “धर्म के आधार पर आरक्षण को पहले ही अदालतें असंवैधानिक घोषित कर चुकी हैं, इसलिए यह फैसला भी न्यायिक समीक्षा में टिक नहीं पाएगा।”
दलितों और आदिवासियों के अधिकारों के साथ अन्याय
साय ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह निर्णय दलितों, आदिवासियों और अन्य वंचित वर्गों के अधिकारों का हनन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी ऐसे किसी भी असंवैधानिक निर्णय को बर्दाश्त नहीं करेगी और हाशिए पर खड़े समाज के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना
सीएम साय ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “एक वंचित समुदाय से आने वाले नेता का इस तरह की नीति का समर्थन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उनके ही समाज के लोगों के साथ अन्याय है।”
भाजपा का कड़ा रुख
साय ने कहा कि भाजपा संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी निर्णय को स्वीकार नहीं करेगी और आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
