बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने रन्या राव गोल्ड तस्करी मामले में पुलिस की जांच को वापस ले लिया है। राज्य पुलिस की अपराध जांच विभाग (CID) को शुरू में बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रोटोकॉल उल्लंघन की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब गृह मंत्रालय ने इस आदेश को रद्द कर दिया है।
यह निर्णय तब आया जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 14 किलोग्राम सोना तस्करी मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। यह मामला पिछले एक सप्ताह से सुर्खियों में बना हुआ था।

क्या है पूरा मामला?
33 वर्षीय रन्या राव को 3 मार्च को बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उनके कपड़ों और पट्टियों के नीचे छिपाकर रखे गए 14 किलोग्राम सोने के साथ पकड़ा गया था। राज्य पुलिस ने पूछताछ के बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
रन्या राव का आरोप: “मानसिक उत्पीड़न किया गया”
रन्या राव ने दावा किया कि पुलिस हिरासत के पहले 24 घंटों के दौरान उन्हें आराम करने नहीं दिया गया और मौखिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उनके वकील का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी में कई प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया, जिनमें गिरफ्तारी के समय उनके अधिकारों की जानकारी न देना भी शामिल है।
हवाला के जरिए भेजी गई थी भारी रकम: DRI
इस मामले की जांच में शामिल राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने कहा कि तस्करी के लिए भारी रकम हवाला के जरिए भेजी गई थी। DRI ने यह भी खुलासा किया कि इस सोना तस्करी में एक संगठित गिरोह सक्रिय था, और यह तस्करी राज्य के प्रोटोकॉल अधिकारी की मदद से की जा रही थी।
कैसे पकड़ी गई रन्या राव?
➡️ प्रोटोकॉल अधिकारी की मदद से रन्या राव ने ग्रीन चैनल पार किया
➡️ DRI ने ग्रीन चैनल पार करने के बाद उन्हें रोका और सोने की जांच की
➡️ उनके पास से 14 किलोग्राम सोना बरामद हुआ, जिसे उन्होंने छिपा रखा था
➡️ उन्होंने इस सोने को घोषित करने की कोई योजना नहीं बनाई थी
लगातार विदेश यात्राओं ने बढ़ाया शक
DRI के अनुसार, पिछले छह महीनों में रन्या राव ने 27 बार दुबई और अमेरिका की यात्रा की थी। इन बार-बार की गई यात्राओं के चलते वह जांच एजेंसियों के रडार पर आ गई थीं।
घर की तलाशी में मिला करोड़ों का कैश और ज्वेलरी
गिरफ्तारी के बाद रन्या राव के बेंगलुरु के लावेल रोड स्थित घर की तलाशी ली गई, जिसमें से—
💰 ₹2.67 करोड़ नकद
💎 ₹2.06 करोड़ के सोने के गहने
बरामद किए गए।
CBI करेगी अब जांच
अब यह मामला CBI के हवाले कर दिया गया है, और एजेंसी यह जांच करेगी कि यह तस्करी गिरोह किन लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा था। DRI ने पहले ही संकेत दिए हैं कि इस रैकेट में कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं।
