बलौदाबाजार (छत्तीसगढ़): जिले के सुहेला तहसील कार्यालय के बाहर सोमवार को भूमि विवाद से परेशान किसान हीरालाल साहू ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। प्रशासन की उदासीनता और बार-बार तारीख मिलने से हताश किसान ने यह कदम उठाया। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और जांच के आदेश दिए गए हैं। किसान को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या है मामला?
हीरालाल साहू, निवासी बुढ़गहन गांव, अपनी जमीन पर कब्जे को लेकर लंबे समय से परेशान थे। इस विवाद का मामला सुहेला तहसील में लंबित था। किसान कई महीनों से न्याय की गुहार लगा रहे थे, लेकिन हर सुनवाई पर सिर्फ अगली तारीख दी जा रही थी।

कैसे हुई घटना?
सोमवार को तहसील कार्यालय में पेशी के दौरान, जब किसान को फिर से अगली तारीख दी गई, तो वह मानसिक रूप से टूट गए। न्याय न मिलने की हताशा में, तहसील कार्यालय के बाहर ही जहर खा लिया। मौके पर मौजूद लोगों और अधिकारियों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
किसान की हालत गंभीर
किसान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुहेला में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनके इलाज में जुटी हुई है।
घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप
इस घटना के बाद प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। किसान संगठनों और ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया है। उनका आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रियता किसानों को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर रही है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए बलौदाबाजार कलेक्टर दीपक सोनी ने एसडीएम सिमगा अंशुल वर्मा को जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस घटना को लेकर राजनीति भी गर्मा गई है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया। उन्होंने कहा,
“यह घटना प्रशासन की असफलता और किसानों की उपेक्षा को दर्शाती है। किसानों को न्याय नहीं मिल रहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
वहीं, भाजपा नेताओं ने भी प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
