नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में मौत की सजा पाए भारतीयों की बढ़ती संख्या ने कई परिवारों की चिंता बढ़ा दी है। राज्यसभा में 13 फरवरी को विदेश राज्य मंत्री किरीट वर्धन सिंह द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, विदेशों में कुल 54 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है। इनमें सबसे ज्यादा 29 भारतीय यूएई में और 12 सऊदी अरब में फांसी की सजा का सामना कर रहे हैं।
यूएई में तीन भारतीयों को दी गई फांसी?
हाल ही में उत्तर प्रदेश की एक महिला और केरल के दो पुरुषों को फांसी दिए जाने की खबरें सामने आई थीं। संभावना है कि ये तीनों उन्हीं 29 भारतीयों में शामिल थे, जो यूएई में मौत की सजा का सामना कर रहे थे। हालांकि, अभी तक सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

केरल से खाड़ी देशों में काम करने जाने वाले प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यूएई में मौत की सजा पाए भारतीयों में केरल के लोगों की संख्या अधिक हो सकती है।
भारत सरकार को करना चाहिए गंभीर हस्तक्षेप
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेता बीरन ने इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा—
“अगर यूएई में तीन भारतीयों को फांसी दी गई है, तो केंद्र सरकार को इसे बेहद गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।”
क्या कर सकती है भारत सरकार?
भारत सरकार के पास निम्नलिखित विकल्प हो सकते हैं—
- राजनयिक वार्ता: भारत, यूएई सरकार से बातचीत कर सकता है और सजा को कम करने का अनुरोध कर सकता है।
- कानूनी सहायता: दोषियों को उचित कानूनी सहायता देकर फैसले को चुनौती दी जा सकती है।
- राष्ट्रपति को माफीनामा: यूएई के राष्ट्रपति से क्षमा याचना की अपील की जा सकती है, जैसा कि कई अन्य मामलों में किया गया है।
निष्कर्ष
यूएई में भारतीयों को दी जा रही फांसी की सजा प्रवासी भारतीयों के परिवारों के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई है। भारत सरकार को इस मामले पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, ताकि अन्य भारतीयों की जान बचाई जा सके।
