जिला प्रशासन की नाक के नीचे चार नाबालिक बच्चियों का निकाह कराए जाने का मामला सामने आया है। महिला बाल विकास विभाग और पुलिस को जानकारी मिलने के बाद भी अमला समय पर नहीं पहुंचा, जिससे निकाह रोका नहीं जा सका। विश्वशनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार संस्था द्वारा सामूहिक निकाह में 18 जोड़ों का निकाह कराया गया था, अब 11 जोड़ों का निकाह कराए जाने का प्रचार किया जा रहा है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़) विशेष प्रतिनिधि। मामला मानस भवन में बुधवार को कराए गए सामूहिक निकाह से संबंधित है। यह आयोजन युवा तंजिमे कुरैश संस्था द्वारा किया गया था। दुर्ग चाइल्ड लाइन को खबर मिली कि सामूहिक विवाह में चार नाबालिक बच्चियों का भी निकाह कराया जा रहा है। चाइल्ड लाइन ने तत्काल पुलिस और महिला बाल विकास विभाग को जानकारी दी लेकिन कई घंटे बाद महिला बाल विकास विभाग की टीम और दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुचे तब तक सभी का निकाह हो चुका था। मौके पर पहुचे अमले ने खानापूर्ति के लिए शुरुआती पड़ताल करते हुए 11 निकाह के जोड़ो के तस्वीर और आधार कार्ड की कॉपी लेकर वापस लौट गई और आधार के मुताबिक सभी को बलिक करार दे दिया गया जब कि नियमतः सभी के अंकसूची देखने के बाद ही बालिक होने की पुष्टि करना था । चाइल्ड लाइन के कोर्डिनेटर सुरेश कापसे के मुताबिक जब हम निकाह स्थल पहुचे तब तक सभी का निकाह हो गया था। निकाह में शामिल होने आए लोगो ने बताया कि 18 जोड़ो का निकाह किया गया है, लेकिन आयोजनकर्ता ने सिर्फ 11 जोड़ो का निकाह होने की जानकारी दी बाकी की कोई जानकारी नही दी।
यह एक गंभीर मामला है और इस पर जांच भी होनी चाहिए। निकाह के दौरान एक बात और चर्चे में रही जिन लड़कियों का निकाह कराया जा रहा था उन सभी के होने वाले शौहर की उम्र में भी बड़ा फर्क था। बताया जा रहा है सभी की उम्र में 14 से 15 साल का फर्क दिखाई दे रहा था। सूत्रो की माने तो जिन चार नाबालिक बच्चियों के निकाह कराने की बात सामने आ रही है उन सभी की उम्र 16 साल के पास बताई जा रही है। पूरे मामले में एक बात तो साफ हो गयी है जिनके जिम्मे में बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी दी गयी है वो प्रशासनिक अमला जानबूझकर मामले से दूर भागता दिखाई दे रहा है गम्भीर मामले की त्वरित जानकारी मिलने के बाद भी दूर बैठ कर निकाह हो जाने का इंतजार करता रहा और मामले में खानापूर्ति कर चुप्पी साध लिया है। ऐसे में कैसे रुकेगा बाल विवाह एक बड़ा सवाल है। कानून सभी के लिए है इसमें जात पात समुदाय होने से कोई मतलब नही है जरूरत है प्रशासनिक अमले को निष्पक्ष और मजबूत होने की और ऐसे कोई भी मामले में त्वरित कार्यवाही करने की ।