सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के एक दूरदराज गांव में रहस्यमयी बीमारी से एक महीने के भीतर 13 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों को अब तक इन मौतों के पीछे की असल वजह समझ नहीं आ रही है। जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि हाल ही में हुई पांच मौतों में से दो की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
पहले जम्मू-कश्मीर, फिर राजस्थान, अब छत्तीसगढ़ में फैली दहशत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रहस्यमयी बीमारी पहले जम्मू-कश्मीर में सामने आई थी, फिर राजस्थान तक फैली, और अब छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के धनिकोर्टा गांव में डर का माहौल बना दिया है। इस गांव की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है।

धनिकोर्टा में हर घर में बीमारी, लगातार हो रही मौतें
धनिकोर्टा गांव, जो सुकमा जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर और रायपुर से 400 किमी दक्षिण में स्थित है, इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। लगभग हर घर में लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। सभी पीड़ितों में लगातार खांसी और सीने में तेज दर्द जैसे लक्षण देखे गए हैं, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई।
महुआ की फसल या रहस्यमयी बीमारी? डॉक्टर भी उलझे
सुकमा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. कपिल देव कश्यप ने बताया कि अब तक पांच नई मौतें हुई हैं, जिनमें से तीन की वजह उम्र संबंधी बीमारियों को बताया गया है, जबकि दो की मौत के कारण अब भी स्पष्ट नहीं हैं।
डॉ. कश्यप ने संदेह जताया कि मौसम में बदलाव और महुआ की फसल का मौसम इसका एक कारण हो सकता है। उन्होंने बताया,
“गांव में यह बीमारी महुआ की कटाई के समय पर फैली है। ग्रामीण पूरे दिन जंगल में महुआ इकट्ठा करते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) और कमजोरी हो रही है, और वे बीमार पड़ रहे हैं।”
गांव में मेडिकल कैंप, घर-घर हो रही जांच
हालात को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव में मेडिकल कैंप लगा रही हैं। ग्रामीणों को ओआरएस (oral rehydration solution) दिया जा रहा है ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
डॉक्टरों ने घर-घर जाकर सर्वे शुरू कर दिया है और जिनमें भी लक्षण नजर आ रहे हैं, उन्हें तुरंत इलाज के लिए कहा जा रहा है।
गांव में दहशत, रहस्यमयी बीमारी की जांच जारी
धनिकोर्टा गांव में लगातार हो रही मौतों ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। ग्रामीण सहमे हुए हैं और बीमारी के पीछे की असली वजह जानने का इंतजार कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ इस रहस्यमयी बीमारी का पता लगाने और उसे रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस बीमारी का असली कारण क्या है और क्या सरकार समय रहते इसे रोक पाएगी?
