रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में जासूसी कांड को लेकर भूचाल आ गया है। पीसीसी चीफ दीपक बैज के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सरकार पर कांग्रेस नेताओं की जासूसी कराने का गंभीर आरोप लगाया है। बघेल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है।
“सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही” – भूपेश बघेल
पूर्व सीएम ने कहा, “लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने और स्वतंत्र रूप से काम करने का अधिकार है, लेकिन मौजूदा सरकार इस अधिकार को कुचल रही है। कांग्रेस नेताओं की जासूसी कराई जा रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार डर और अनिश्चितता में जी रही है।”

इस मामले पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है।
छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, कई आईएएस अफसरों के तबादले
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत कई आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। विशेष सचिव अभिजीत सिंह को दुर्ग का नया कलेक्टर बनाया गया है, जबकि रायपुर नगर निगम के आयुक्त अबिनाश मिश्रा को धमतरी का कलेक्टर नियुक्त किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, इस फेरबदल का उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना है। इस बदलाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि इससे भविष्य की नीतियों और प्रशासनिक रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।
होली पर रेलवे का बड़ा फैसला! गोंदिया से पटना और छपरा के लिए स्पेशल ट्रेनें
रायपुर। होली पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने गोंदिया से छपरा और पटना जंक्शन के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, त्योहारी सीजन में ट्रेनों में भारी भीड़ के चलते अतिरिक्त ट्रेनों की जरूरत थी। यात्रियों की सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेनों की समय सारिणी जल्द जारी की जाएगी।
रेलवे विभाग ने यात्रियों से अपील की है कि टिकट बुकिंग जल्द से जल्द कराएं ताकि उन्हें यात्रा में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
राजनीति से प्रशासन तक, छत्तीसगढ़ में बदलाव की आहट!
जहां एक ओर प्रदेश की राजनीति जासूसी के आरोपों से गर्म हो रही है, वहीं प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं। साथ ही, आम जनता की सुविधा के लिए रेलवे ने भी अहम फैसला लिया है। अब देखना यह होगा कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का यह खेल और कितना आगे बढ़ता है और प्रशासनिक फेरबदल से प्रदेश की व्यवस्था में क्या बदलाव आता है।
