छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बुधवार, 5 मार्च को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव संपन्न हुआ। इस चुनाव में बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों ने दोनों ही पदों पर निर्विरोध जीत दर्ज कर ली।
हीरामुनि निकुंज को जिला पंचायत अध्यक्ष और धीरज सिंह देव को उपाध्यक्ष चुना गया। इस चुनाव के नतीजे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। कुल 14 सीटों पर जिला पंचायत सदस्य चुने गए, जिनके बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ।

पूर्व विधायक पैकरा ने किया बगावत,
हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी को अंतर्कलह का सामना करना पड़ा। पूर्व विधायक और संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा ने बगावत करते हुए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
पैकरा ने अपनी हार के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “रायपुर से आकर नेताम ने पूरा खेल बिगाड़ दिया। पार्टी कार्यालय में ही उन्होंने गड़बड़ी करवाई, जिसका असर चुनाव पर पड़ा।”
मंत्री नेताम का पलटवार – “विरोध के बावजूद मिली जीत”
पूर्व विधायक पैकरा के आरोपों पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब देते हुए कहा, “कुछ लोगों ने विरोध किया, लेकिन फिर भी हम जीतने में सफल रहे।” उन्होंने हीरामुनि निकुंज और धीरज सिंह देव को जीत की बधाई दी और कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
बीजेपी में अंतर्कलह या रणनीति का हिस्सा?
बलरामपुर जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी की जीत के बावजूद पार्टी के भीतर गुटबाजी खुलकर सामने आई। पैकरा के आरोपों ने यह संकेत दिया है कि पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। अब देखना होगा कि बीजेपी इस अंदरूनी कलह को कैसे संभालती है और आने वाले चुनावों में इसकी क्या भूमिका होती है।
