छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा कदम: अवैध रूप से संचालित गैर-संबद्ध आर्य समाज संस्थानों को नोटिस जारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आर्य समाज के नाम पर संचालित गैर-संबद्ध संस्थानों को नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई उन संस्थाओं के खिलाफ की गई है, जो बिना किसी मान्यता के आर्य समाज के नाम का उपयोग कर विवाह संपन्न करा रही थीं

आर्य समाज की संरचना और नियम

स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा 10 अप्रैल 1875 को स्थापित आर्य समाज का उद्देश्य समाज सुधार और जागरूकता फैलाना है। इसकी एक सुसंगठित संरचना होती है, जिसमें केंद्रीय स्तर पर सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा, प्रांतीय स्तर पर सार्वदेशिक प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा, और जिला स्तर पर संबद्ध आर्य समाज इकाइयाँ होती हैं।

छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा राज्य में आर्य समाज मंदिरों की देखरेख और मान्यता प्रदान करने वाली पंजीकृत संस्था है। हाल के वर्षों में यह देखा गया कि कुछ संस्थाएं बिना किसी संबद्धता के आर्य समाज के नाम का उपयोग कर रही हैं और विवाह करवा रही हैं, जो कि स्वामी दयानंद सरस्वती के नियमों के विरुद्ध है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर

छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा ने अपने अधिवक्ताओं जितेंद्र पाली, शांतम अवस्थी, प्रांजल शुक्ला और अनिकेत वर्मा के माध्यम से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका (WPC No. 6491/2024) दायर की

याचिका में छत्तीसगढ़ शासन, रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी को प्रतिवादी बनाया गया है। इसमें कहा गया कि रजिस्ट्रार ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1973 के विरुद्ध जाकर कई संस्थाओं का पंजीकरण कर दिया है, जो अवैध रूप से आर्य समाज शब्द का उपयोग कर रही हैं और केवल विवाह के व्यापार में लिप्त होकर धन कमा रही हैं

हाईकोर्ट ने 24 संस्थानों को जारी किया नोटिस

माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार, रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी के साथ-साथ राज्यभर में संचालित 24 गैर-संबद्ध संस्थानों को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है

इन संस्थानों में शामिल प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

1) ओम कृण्वन्तो ववश्वमायमण आयण सलमतत, टिकरापारा, जजला रायपुर (छत्तीसगढ़),
2) सनातन धमण आयण सेवक मंडल, बसना, जजला महासमुंद (छ.ग.),
3) संयोग आयण समाज राजजम, हनुमान मंटदर के पास, पीतलबंद रोड, आमापारा, राजजम, जजला गररयाबंद
(छ.ग.),
4) आयण क्षबिय तेलंग समाज, जजला रायपुर (छ.ग.),
5) श्री साईं राम आयण समाज, जजला रायपुर (छ.ग.),
6) आयण समाज कांके र, जजला कांके र (छ.ग.),
7) आयण समाज कल्यार् एवं लिक्षर् सलमतत, श्री रायंद स्वामी नागरीदास मंटदर, पुरानी बस्ती सरस्वती
चौक, जजला रायपुर (छ.ग.),
8) महवर्षण दयानंद आयण सेवा संस्थान, ग्राम एवं पोस्ि सोंठी, जजला जांजगीर-चांपा (छ.ग.),
9) ओम आयण समाज, छत्तीसगढ़ ओम मंटदर, कुकुरबेड़ा, आमानाका, जजला रायपुर (छ.ग.),
10) छत्तीसगढ़ आयण क्षबिय तेलंग समाज, सुनकेि िेलर एंड क्लॉथ, श्याम िॉकीज रोड के सामने। श्री
नवदगु ाण मंटदर, बूढ़ापारा, जजला रायपुर (छ.ग.),
11) आयण सनातन समाज, खरखरा नाहर, आमापारा, मकान नंबर-143, वाडण-13, जजला बालोद (छ.ग.),
12) आयण समाज मंटदर, गली नं.- 28, पुरानी बस्ती, वाडण-12, सुपेला, लभलाई, जजला दगु ण (छ.ग.),
13) ओम आयण समाज, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, जजला रायपुर (छ.ग.),
14) श्री आयण समाज, लसद्धाथण चौक, टिकरापारा, जजला रायपुर (छ.ग.),
15) आयण समाज संस्कार सेवा सलमतत, मगर पारा रोड, जजला बबलासपुर (छ.ग.),
16) आयण समाज संस्कार सेवा केंद्र, तीसरी मंजजल, सुपर माकेि, अग्रसेन चौक, जजला बबलासपुर (छ.ग.),
17) वैटदक आयण समाज, ररंग रोड नं.-01, संजय नगर, जजला रायपुर (छ.ग.),
18) आयण समाज, वंडरलैंड वािर पाकण, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, जजला रायपुर (छ.ग.),
19) आयण समाज, वसुन्धरा नगर, बहतराई रोड, सीधओ् रूप लाल चावला, कान अरपा बिज राम सेतु,
सरकं डा, जजला बबलासपुर (छ.ग.),
20) आयण समाज ररसाली, ररसाली गांव, जय स्तंभ चौक, लभलाई, जजला दगु ण (छ.ग.),
21) आयण समाज, ओवरबिज के नीचे, बी.आई.िी. रोड, रायपुर नाका, लभलाई, जजला दगु ण (छ.ग.),
22) आयण समाज, प्रेम नगर, लसकोला भािा, जजला दगु ण (छ.ग.),
23) आयण समाज, 45- ए/1, नेहरू नगर (पजश्चम), लभलाई, जजला दगु ण (छ.ग.),
24) आयण सनातन समाज मंटदर, लभलाई जजला दगु ण (छ.ग.)

क्या है मामला?

आर्य समाज के नियमानुसार, संबद्धता प्राप्त इकाइयां ही वैध रूप से विवाह संपन्न करवा सकती हैं। लेकिन हाल ही में कई गैर-संबद्ध संस्थान अवैध रूप से विवाह करवा रहे थे और इस प्रक्रिया में आर्थिक अनियमितताओं में लिप्त थे

अगली सुनवाई में बड़ा फैसला संभव

हाईकोर्ट द्वारा जारी नोटिस के बाद इन संस्थानों को जवाब देना अनिवार्य होगा। यदि ये संस्थाएं उचित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाईं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है