लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति 2025-26 में बड़ा बदलाव करते हुए देसी-विदेशी शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस अब ई-लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से जारी करने का फैसला किया है। इस नई व्यवस्था के तहत 14 फरवरी से पंजीकरण शुरू होगा और 17 फरवरी से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 27 फरवरी तक लॉटरी में भाग लेने का मौका मिलेगा और 6 मार्च को जिलाधिकारी कार्यालय (कलक्ट्रेट) में ई-लॉटरी निकाली जाएगी।
शराब और बीयर की दुकानें अब एक ही परिसर में
सरकार की नई नीति के अनुसार, अब बियर और अंग्रेजी शराब की दुकानें अलग-अलग नहीं होंगी। एक अप्रैल 2025 से दोनों का संचालन एक ही परिसर में किया जाएगा और उनका मालिक भी एक ही व्यक्ति होगा। इसके अलावा, शराब और बीयर के कोटे में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
प्रदेश में एक व्यक्ति को अधिकतम दो दुकानें मिलेंगी
ई-लॉटरी प्रक्रिया के तहत कोई भी व्यक्ति पूरे प्रदेश में अधिकतम दो दुकानें ही आवंटित करा सकेगा। यह नीति पारदर्शिता बढ़ाने और शराब की दुकानों में मनमानी रोकने के लिए लाई गई है।
सहारनपुर में कितनी दुकानें होंगी?
सहारनपुर जिले की बात करें तो फिलहाल 96 अंग्रेजी शराब की दुकानें, 101 बीयर शॉप और 175 देसी शराब की दुकानें हैं। नई नीति के तहत 124 कंपोजिट दुकानें बनाई जाएंगी, जहां अंग्रेजी शराब और बीयर एक साथ बेची जाएगी।
लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी
जिला आबकारी अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि देसी शराब की दुकानों के कोटे में 10% की वृद्धि की गई है। वहीं, बीयर और विदेशी मदिरा की दुकानों के लाइसेंस शुल्क में 5% की बढ़ोतरी की गई है।
नई नीति के तहत कंपोजिट दुकानों के संचालन की तैयारी शुरू हो गई है, जिससे शराब बिक्री के ढांचे में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
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