नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने संसद में ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, जिससे देश और लोकतंत्र की छवि धूमिल हुई।
किन बिंदुओं पर उठे सवाल?
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान छह प्रमुख मुद्दों पर भ्रामक दावे किए। इनमें शामिल हैं:
🔹 चीन द्वारा कथित रूप से भारतीय भूमि पर कब्जा
🔹 भारत का डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होना
🔹 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े विवाद
🔹 मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति का मुद्दा
दुबे ने कहा कि राहुल गांधी के भाषण का उद्देश्य देश का मजाक उड़ाना और लोकतांत्रिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा को गिराना था।
राहुल गांधी ने प्रमाण नहीं दिए – निशिकांत दुबे
बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी से अपने दावों के प्रमाण देने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। दुबे ने तंज कसते हुए कहा,
“यह ‘विद्वान’ व्यक्ति न तो अपने झूठे दावों को प्रमाणित कर सका और न ही संसद में देश को बदनाम करने के लिए माफी मांगी।”
विशेषाधिकार हनन की मांग, राहुल गांधी को फटकार लगाने की अपील
🔹 दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष से राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई शुरू करने की मांग की।
🔹 उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को संसद सत्र के दौरान फटकार लगाई जानी चाहिए क्योंकि उनके बयान “विदेशी टूलकिट” का हिस्सा हैं, जिसका मकसद देश को अस्थिर करना है।
🔹 निशिकांत दुबे ने लोकसभा के नियम 222-223 के तहत इस मुद्दे को सदन में उठाने की अनुमति मांगी।
कांग्रेस और राहुल गांधी की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस मामले पर अभी तक कांग्रेस पार्टी या राहुल गांधी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे पर घमासान तेज होने की संभावना है।
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