आचार संहिता लागू होने के बाद नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। हर पार्टी के दावेदार अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों से संपर्क बढ़ाने और समर्थन हासिल करने में जुट गए हैं। दिनभर घर-घर जाकर जनसंपर्क किया जा रहा है, जबकि शाम और रात को शादी-पार्टियों व अन्य आयोजनों में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
टिकट पर संशय, लेकिन तैयारी में कोई कमी नहीं
टिकट मिलेगा या नहीं, इसे लेकर भले ही संशय बना हुआ है, लेकिन प्रत्याशी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बड़े नेताओं के आयोजनों में भी दावेदार अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर रहे हैं। हर वार्ड से अधिकतम तीन नाम शीर्ष नेतृत्व को भेजे गए हैं। अब टिकट किसे मिलेगा, इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व के हाथों में है।
एक-दो दिन में प्रत्याशियों की घोषणा संभव
नगर निगम के 70 वार्डों के प्रत्याशियों की घोषणा 25 तारीख तक होने की संभावना है। ऐसे में सभी दावेदार अपनी दावेदारी मजबूत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस और बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर गहन विचार-विमर्श जारी है। कांग्रेस में जनता के विचार को ध्यान में रखा जा रहा है, जबकि बीजेपी में पुराने चेहरों को तरजीह मिलने की संभावना है।
प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा
दावेदार अपने कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए शॉर्ट वीडियो बनाकर अपने क्षेत्रों में प्रचारित कर रहे हैं। जनता का फीडबैक भी लिया जा रहा है ताकि उनकी लोकप्रियता का आकलन किया जा सके।
जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं
कुछ वार्डों में जनता ने वर्तमान पार्षदों के कार्यों की सराहना की है, जबकि कई जगहों पर पार्षदों की पहचान तक नहीं हो पाई। फिर भी, कुछ वर्तमान पार्षदों के लिए चुनौती देना अन्य प्रत्याशियों के लिए कठिन हो सकता है।
अंतिम फैसला जनता के हाथों में
प्रत्याशियों की कोशिशें भले ही तेज हों, लेकिन अंतिम फैसला जनता के हाथों में है। किसके सिर ताज सजेगा, यह चुनावी नतीजे ही बताएंगे।