नक्सली नेता जयाराम रेड्डी उर्फ चालापति की मुठभेड़ में मौत

रायपुर/भुवनेश्वर। छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर इस सप्ताह केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों द्वारा संयुक्त अभियान में 20 नक्सलियों के साथ वरिष्ठ माओवादी नेता जयाराम रेड्डी उर्फ चालापति मारे गए। दशकों तक सुरक्षा बलों से बचते रहे चालापति की पहचान एक सेल्फी के कारण हुई, जो उनकी पत्नी अरुणा उर्फ चैतन्य वेंकट रवि के साथ ली गई थी।

चालापति पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था और वह फरवरी 2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में हुए हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। उसने पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने के बाद नक्सलियों को सुरक्षित भागने में मदद की थी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालापति ने नयागढ़ में हमले के दौरान पुलिस की मदद पहुंचने से रोकने के लिए सभी रास्तों को विशाल पेड़ों से बंद कर दिया था। कई वर्षों तक वह अज्ञात स्थान पर रहा, लेकिन 2016 में आंध्र प्रदेश में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद एक छोड़े गए स्मार्टफोन से मिली सेल्फी से उसकी पहचान हुई।

इसके बाद उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया और वह अपनी सुरक्षा के लिए 8-10 गार्ड्स के साथ सफर करने लगा। चालापति, जो पहले आंध्र प्रदेश के चित्तूर का निवासी था, अब छत्तीसगढ़ के बस्तर में सक्रिय था। हालांकि, बढ़ती मुठभेड़ों के कारण उसने कुछ महीने पहले ओडिशा सीमा के पास अपना ठिकाना बना लिया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुठभेड़ को नक्सलवाद पर एक बड़ी चोट बताया। उन्होंने कहा, “हमारी सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *