जिला सहकारी बैंक की 16 समितियों में 4 करोड़ 87 लाख 11 हजार से अधिक की गड़बड़ी के मामले में चार समिति प्रबंधकों, तीन पर्यवेक्षकों समेत नौ कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई बैंक के स्टॉफ उपसमिति की अनुशंसा पर, सभी मामलों की जांच और सुनवाई के बाद की गई है।
इन अधिकारियों पर आर्थिक अनियमितताओं के मामले में एफआईआर दर्ज कराने और राशि की वसूली के लिए न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराने की भी अनुशंसा की गई है। इसके साथ ही, बिना सूचना के ड्यूटी से लंबे समय तक गायब रहने वाले दो भृत्यों को भी सेवा मुक्त कर दिया गया है।
बैंक के अनुसार, यह आर्थिक अनियमितता के मामले वर्ष 2016 से 2023 के बीच के हैं। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद संबंधित कर्मचारियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन अधिकांश मामलों में कर्मचारियों ने गड़बड़ी करना स्वीकार किया। उन्हें गड़बड़ी की राशि जमा करने का अवसर भी दिया गया, लेकिन राशि नहीं जमा कराने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई।
प्रमुख गड़बड़ियां:
- शेष नारायण टोंड्रे – नवागढ़, हटहाडाडू और अंधियारखोर में 1 करोड़ 77 लाख 47 हजार 278 रुपए की गड़बड़ी।
- श्याम सुंदर कश्यप – मारो और गुंजेरा समितियों में 92 लाख 90 हजार 903 रुपए की अनियमितता।
- रामजी खांडे – नवागढ़, बालसमुंद से संबद्ध समिति संबलपुर में 9 लाख 92 हजार 961 रुपए की गड़बड़ी।
- डेरहाराम जोशी – रनबोड़ और प्रतापपुर में 25 लाख रुपए की गड़बड़ी।
- हीराधर मैत्री – खैरझिटी में 87 लाख 63 हजार 843 रुपए की अनियमितता।
- दीनबंधु पटेल – साजा और हाटरांका में 48 लाख 71 हजार 22 रुपए की अनियमितता।
- सतीश यादव – देवरबीजा और केवतरा में 18 लाख 26 हजार 929 रुपए की गड़बड़ी।
- राजाराम वर्मा – चेक क्लीयरिंग में गड़बड़ी, 24 लाख 54 हजार 416 रुपए की अनियमितता।
- कल्याण सिंह ध्रुवे – बालोद में 2 लाख 64 हजार 200 रुपए का अमानत में खयानत का मामला।