गरियाबंद जिले के बड़ेगोबरा गांव में 17 नवंबर 2023 को हुए IED विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह विस्फोट तब हुआ था, जब विधानसभा चुनावों के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी करने के बाद मतदान दल सुरक्षा बलों के साथ वापस लौट रहा था।
NIA के अनुसार, चार्जशीट में सीपीआई (माओवादी) के 10 सदस्यों को नामजद किया गया है, जिनमें तीन कथित ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs)—मोहन यादव, भूपेंद्र ध्रुव और लखनलाल यादव—के साथ प्रतिबंधित संगठन के सात कैडर शामिल हैं। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
विस्फोट में ITBP हेड कांस्टेबल की मौत
इस विस्फोट में इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के एक हेड कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनकी बाद में मृत्यु हो गई। NIA की जांच से खुलासा हुआ कि सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके और मनोज ने विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य सत्यम गवाड़े के साथ इस हमले की साजिश रची थी। यह हमला चुनाव बहिष्कार के माओवादी आह्वान के तहत किया गया था।
NIA के बयान के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन के गोबरा दलम ने ओवरग्राउंड वर्कर्स के सहयोग से इस विस्फोट को अंजाम दिया। बड़ेगोबरा और छोटेगोबरा गांवों के ओवरग्राउंड वर्कर्स ने इस हमले में मदद की थी।
NIA ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह हमला न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला था, बल्कि देश की सुरक्षा पर भी गंभीर चुनौती पेश करता है।