मनेंद्रगढ़: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ और बिहारपुर क्षेत्र में एक बाघ की गतिविधियां देखने के बाद वन विभाग ने सुरक्षा के मद्देनजर छह गांवों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। यह बाघ मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर चुका है।
वन विभाग के अनुसार, इस बाघ को “टी-200” के नाम से जाना जाता है। यह बाघ बीते कुछ दिनों से पशुओं का शिकार कर रहा है। शुक्रवार रात को इसने भोटा गांव में एक बकरी का शिकार किया। बाघ को सबसे आखिरी बार भोटा गांव में देखा गया।
यह बाघ अमरकंटक और पेन्ड्रा-मारवाही होते हुए मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में प्रवेश कर चुका है। ग्रामीण इलाकों में बाघ ने कई भैंसों और बकरियों का शिकार किया है। इस वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
बाघ को लेकर स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। उन्हें रात में घर से बाहर न निकलने और जंगलों में प्रवेश न करने की चेतावनी दी गई है। वन विभाग ने यह भी बताया कि गांवों में अक्सर किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए बिजली के करंट का उपयोग करते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए छह गांवों, जिनमें भोटा गांव भी शामिल है, की बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।
वन विभाग ने बाघ पर नजर रखने और उसकी हरकतों पर नियंत्रण पाने के लिए गश्त तेज कर दी है।
बाघ की उपस्थिति ने ग्रामीणों के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इसे नियंत्रित करने के प्रयास में जुटे हैं। नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।