अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र के सुदामा नगर में एक दर्दनाक हादसे ने एक मासूम जिंदगी छीन ली। 12 वर्षीय वत्सल रावत, जो सातवीं कक्षा का छात्र था, दोस्तों के साथ साइकिल रेस कर रहा था। रेस के दौरान उसकी साइकिल असंतुलित हो गई, और गिरने पर साइकिल का हैंडल उसके पेट में जा लगा। चोट इतनी गंभीर थी कि उसके लीवर में गहरा घाव हो गया।
वत्सल को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। इस हादसे ने परिवार, खासकर वत्सल की मां, जो एक सिंगल पैरंट हैं, को गहरे सदमे में डाल दिया।
हालांकि, वत्सल की मां ने अपने दुःख पर काबू पाते हुए एक मानवीय और प्रेरणादायक कदम उठाया। उन्होंने अपने बेटे की आंखें दान करने का निर्णय लिया। इस निर्णय से किसी जरूरतमंद व्यक्ति को देखने की रोशनी मिलेगी। वत्सल की मां के इस साहसिक कदम ने समाज में नेत्र दान के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश दिया है।
लोग वत्सल की मां की इस संवेदनशीलता और मानवता के लिए प्रशंसा कर रहे हैं। उनका यह कदम एक प्रेरणा है कि सबसे कठिन समय में भी दूसरों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया जा सकता है।