भिलाई: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) भिलाई के सेंटर फॉर कल्चर, लैंग्वेज एंड ट्रेडिशन्स (CCLT) द्वारा 9 से 13 दिसंबर तक ‘कॉमनिंग द कॉमन्स’ नामक आवासीय विंटर स्कूल का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (FES) के सहयोग से आयोजित हो रहा है।
इस पांच दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन प्रोफेसर दिनेश के. मारोतिया, अध्यक्ष, इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स, के मुख्य भाषण के साथ होगा। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में डॉ. पुर्णेंदु कावूरी (Cense India), डॉ. लावण्या सुरेश (BITS पिलानी, हैदराबाद), राज्य सरकार के पूर्व प्रमुख वन संरक्षक डॉ. आर.के. सिंह, और डॉ. सोमा किशोर पार्थसारथी शामिल हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य:
यह प्रमाणपत्र कार्यक्रम प्रतिभागियों को पारिस्थितिक संसाधनों के महत्व और उनके सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय प्रभावों की गहरी समझ प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें सामूहिक संसाधन प्रबंधन, पर्यावरणीय चुनौतियां, जलवायु परिवर्तन और भारतीय समाज में व्याप्त सामाजिक-आर्थिक असमानताओं पर चर्चा की जाएगी।
प्रतिभागियों का चयन:
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों को चुना गया है, जिनमें शिक्षाविद, नागरिक समाज के सदस्य, और जमीनी स्तर की संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं।
सीसीएलटी का उद्देश्य:
आईआईटी भिलाई का सेंटर फॉर कल्चर, लैंग्वेज एंड ट्रेडिशन्स (CCLT) सांस्कृतिक धरोहर, स्वदेशी ज्ञान, संकटग्रस्त भाषाओं और सतत विकास पर शोध को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। इसका फोकस छत्तीसगढ़ और भारत की भाषाई विविधता, सांस्कृतिक बहुलता, पारिस्थितिक ज्ञान, और सामूहिक स्मृतियों को उजागर करना है।