नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 4 दिसंबर की रात नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात करीब सवा घंटे तक चली, जिसमें उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और सांसद अरुण साव भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को बस्तर ओलंपिक के समापन और पुलिस अवॉर्ड कार्यक्रम में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दिया, जिसे गृह मंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
नक्सल विरोधी अभियानों की जानकारी:
मुख्यमंत्री साय ने इस बैठक के दौरान राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों की हालिया उपलब्धियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग में सड़कों, स्कूलों, स्वास्थ्य सुविधाओं और रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इन प्रयासों ने न केवल स्थानीय जनता का विश्वास जीता है बल्कि माओवादी प्रभाव को भी कमजोर किया है।
उन्होंने बताया कि संयुक्त सुरक्षा बलों और राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर क्षेत्र में नक्सलवादी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से नक्सल मुक्त बना लिया जाएगा।
पुनर्वास योजनाएं:
मुख्यमंत्री साय ने गृह मंत्री को यह भी जानकारी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15,000 मकानों का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है, ताकि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान किया जा सके।
बस्तर ओलंपिक का महत्व:
मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक की सफलता और इसके प्रभावों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह आयोजन युवाओं को खेलों के माध्यम से जोड़ते हुए शांति और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अब तक 1.65 लाख से अधिक युवा इस ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं।
ओलंपिक में हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी और वॉलीबॉल समेत 11 पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। यह आयोजन न केवल युवाओं को एकजुट कर रहा है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मकता और विकास का प्रतीक भी बन रहा है।