रायपुर नगर निगम (आरएमसी) में विपक्ष की नेता मीनल चौबे ने मेयर पर तीखा प्रहार करते हुए उनकी पांच साल की कार्यकाल को “विकास कार्यों में नाकामी और भ्रष्टाचार” का प्रतीक बताया। चौबे ने कहा कि मेयर के हालिया बयान “बेसलेस” और “हताशा का परिणाम” हैं।
कांग्रेस शासनकाल में विकास ठप:
चौबे ने दावा किया कि कांग्रेस शासन के दौरान मेयर ने रायपुर की जनता को मूलभूत सुविधाएं देने में भी विफलता दिखाई। उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों में मेयर ने शहर के लिए कुछ नहीं किया। अब जब बीजेपी सरकार आई है और विकास कार्य गति पकड़ रहे हैं, तो मेयर असंबंधित और निराधार बयान देकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।”
चौपाटी विवाद पर निशाना:
मेयर द्वारा चौपाटी मामले में की गई टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए चौबे ने कहा, “चौपाटी अवैध रूप से, मेयर के संरक्षण में बनाई गई थी, जिसे ‘युवाओं का हब’ कहकर पेश किया गया। इस परियोजना में व्यापारियों को धोखा दिया गया है।”
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) पर भी टिप्पणी:
मीनल चौबे ने पीएमएवाई पर मेयर की आलोचना को झूठा बताया। उन्होंने कहा, “मेयर गरीबों को स्थायी आवास मिलने से रोकना चाहते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण के तहत पात्र लाभार्थियों का सर्वेक्षण जारी है। मेयर को रायपुर के गरीब लोगों की परेशानियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।”
विकास कार्यों में बाधा:
चौबे ने कहा कि बीजेपी सरकार के नेतृत्व में विकास कार्यों की प्रगति हो रही है, लेकिन मेयर की अक्षमता और भ्रष्टाचार ने वर्षों तक विकास को बाधित किया। “अब जब शहर का विकास शुरू हो रहा है, मेयर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं,” उन्होंने जोड़ा।