भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी के मौके पर हादसे में मारे गए हजारों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने हादसे को याद करते हुए कहा कि 2-3 दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से हुए जहरीली गैस के रिसाव ने भोपाल और दुनिया को ऐसी त्रासदी दिखाई, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि हादसे की रात वे भोपाल में ही मौजूद थे। उन्होंने कहा, “उस समय मैं राजधानी के विधायक विश्रामगृह में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक में हिस्सा लेने आया था। अगले दिन जब उस स्थान पर गया जहां गैस का प्रभाव सबसे ज्यादा था, तब मैंने इस त्रासदी की भयावहता को करीब से देखा। यह जीवन में देखी गई सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक थी।”
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सरकार ऐसे हादसों को दोबारा रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यूनियन कार्बाइड संयंत्र, जो हादसे के बाद से बंद है, के स्थान को लेकर भी सरकार गंभीर और ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि गैस रिसाव से प्रभावित लोग आज भी बीमारियों से जूझ रहे हैं और इसका प्रभाव नई पीढ़ियों पर भी पड़ रहा है।
भोपाल में 3 दिसंबर को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें हादसे का शिकार बने लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इन कार्यक्रमों में पीड़ित परिवारों, सामाजिक संगठनों और सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
2-3 दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली और लाखों को प्रभावित किया। यह त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक मानी जाती है।