रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान उपार्जन केंद्रों पर धान के उठाव में आ रही समस्या का समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राइस मिलर्स, लघु उद्योग भारती, और भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद यह सकारात्मक नतीजा सामने आया। अब राइस मिलर्स नियमित रूप से धान का उठाव करेंगे और कस्टम मिलिंग कार्य तेजी से पूरा करेंगे।
मुख्य निर्णय:
बैठक में राइस मिलर्स को बीते वर्षों के लंबित भुगतान जल्द करने का आश्वासन दिया गया। इसके साथ ही उनकी अन्य मांगों को भी शासन द्वारा पूरा करने का वादा किया गया। इस सहमति के बाद मिलर्स ने धान का उठाव और मिलिंग कार्य जारी रखने का निर्णय लिया है।
धान उपार्जन में राहत:
राज्य में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी जारी है। उपार्जन केंद्रों में धान की भारी मात्रा में आवक हो रही थी, जिससे केंद्रों पर जाम की स्थिति बन रही थी। मिलर्स के धान उठाव शुरू करने से अब इस समस्या का समाधान होगा और किसानों को धान बेचने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
बैठक का नेतृत्व:
इस सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जयसवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बैठक में लघु उद्योग भारती और भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने किसानों की समस्या के समाधान के लिए सरकार की संवेदनशीलता की सराहना की।
अब राइस मिलर्स लगातार धान का उठाव करेंगे और कस्टम मिलिंग के बाद चावल को भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करेंगे। इससे राज्य में धान खरीद प्रक्रिया को सुचारु बनाए रखने में मदद मिलेगी।