नई दिल्ली: भारतीय उद्योगपति और अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने वर्षों तक भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। यह रिश्वत कथित तौर पर सौर ऊर्जा अनुबंधों में लाभकारी शर्तें पाने के लिए दी गई थी, जिससे अदानी ग्रुप को $2 बिलियन से अधिक का मुनाफा होने का अनुमान था।
गुरुवार को न्यूयॉर्क में अदानी और सात अन्य लोगों, जिनमें अदानी एनर्जी सब्सिडियरी के वरिष्ठ अधिकारी और कनाडाई पेंशन फंड के पूर्व कर्मचारी शामिल हैं, पर सिक्योरिटी फ्रॉड समेत कई आरोप लगाए गए। आरोपों में अदानी के भतीजे सागर अदानी का नाम भी शामिल है, जो अदानी द्वारा स्थापित एक नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी में कार्यरत हैं।
रिश्वत का आंकड़ा $250 मिलियन के पार
अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को $250 मिलियन से अधिक की रिश्वत देने का वादा किया गया। इस साजिश को अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाकर रखा गया, जिनसे अदानी ग्रुप ने अरबों डॉलर जुटाए।
शेयरों में भारी गिरावट
अमेरिकी अभियोजन के बाद अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। अदानी एंटरप्राइजेज के शेयर 20% गिर गए, जबकि पोर्ट्स बिजनेस में 16.4% की गिरावट आई।
अदानी ग्रुप ने आरोपों से इनकार किया
अदानी ग्रुप पर इससे पहले भी हिडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में स्टॉक मार्केट में हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी का आरोप लगा था, जिसे समूह ने खारिज कर दिया था।
अमेरिकी न्याय विभाग ने बयान में कहा कि यह आरोप वरिष्ठ अधिकारियों और निदेशकों द्वारा भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिए बड़े सरकारी ऊर्जा अनुबंध हासिल करने की कोशिशों की ओर इशारा करता है।
अदानी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ीं
इस मामले से अदानी ग्रुप की साख पर फिर से सवाल उठ सकते हैं, क्योंकि समूह पहले से ही पिछली आलोचनाओं के प्रभाव को संभालने की कोशिश में है।