रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 का शुभारंभ किया। इस नीति का मुख्य उद्देश्य रोजगार सृजन, निवेश को बढ़ावा देना और राज्य के आर्थिक विकास को गति देना है। मुख्यमंत्री ने इसे रोजगारपरक नीति बताते हुए कहा कि यह नीति विजन-2047 के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य प्रावधान और उद्देश्य
- विशेष वर्ग के लिए प्रोत्साहन:
- महिला उद्यमियों, थर्ड जेंडर, सेवानिवृत्त अग्निवीर, आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व नक्सली और नक्सल प्रभावित परिवारों को रोजगार और उद्यम स्थापना के लिए विशेष अनुदान व छूट दी जाएगी।
- इन वर्गों के उद्यमों को अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
- नए उद्योगों के लिए रियायतें:
- एक हजार से अधिक युवाओं को रोजगार देने वाले उद्योगों को बी-स्पोक पॉलिसी के तहत विशेष रियायतें दी जाएंगी।
- युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने पर प्रति व्यक्ति ₹15,000 प्रतिमाह का अनुदान मिलेगा।
- नई सेक्टर्स में निवेश:
- पर्यटन, स्वास्थ्य, फार्मा, वस्त्र, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विशिष्ट उद्योगों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- राज्य को ‘हेल्थ हब’ बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
- औद्योगिक क्षेत्र का विकास:
- जगदलपुर में 118 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण शुरू होगा।
- निजी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए न्यूनतम भूमि आवश्यकता 20 एकड़ से घटाकर 15 एकड़ कर दी गई है।
- रोजगार का लक्ष्य:
- नई नीति के तहत अगले पांच वर्षों में पांच लाख नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री का वक्तव्य
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “हमारी यह नीति राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास का मजबूत आधार बनेगी। सबके सहयोग से हम छत्तीसगढ़ को देश का ‘हेल्थ हब’ बनाने की कोशिश करेंगे।”
समूहों में विकास खंडों का वर्गीकरण
नई नीति में राज्य के विकास खंडों को तीन समूहों में बांटा गया है:
- समूह-1: 10 विकासखंड
- समूह-2: 61 विकासखंड
- समूह-3: 75 विकासखंड
निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए संदेश
यह नीति निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ को एक आकर्षक गंतव्य बनाने और औद्योगिक विकास में तेजी लाने का आधार तैयार करेगी।