मैच्युरीटी बाद भी नहीं लौटाई रकम, फोरम ने कंपनी को हर्जाना सहित रकम लौटाने का दिया आदेश

मैच्युरीटी के बद भी निवेश की गई रकम को वापस नहीं किए जाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा दो कंपनियों के खिलाफ आदेश पारित किया है। फोरम ने कंपनियों को एक माह की अवधि में निवेश की गई रकम को ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही इससे निवेशक को हुई मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए पृथक पृथक हर्जाना राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला रायपुर की रूचि रियल स्टेट एलाइड तथा पूणे की सांई प्रसाद प्रापर्टी से संबंधित है। ग्राम नारधी (पाटन) निवासी बिशाल राम वमा4 ने ग्राम औंधी निवासी पंकज वर्मा को 3 लाख 40 हजार रु. सहारा कंपनी में जमा करने के लिए दिए थे, लेकिन पंकज ने यह रकम रूचि रियल स्टेट एलाइड कंपनी में निवेश कर दी थी। पांच वर्षो के लिए जमा इस रकम की मैच्यूरिटी 21 मई 2018 को पूरी हो गई थी।
इसके अलावा सहारा कंपनी में जमा करने दी गई रकम को भी एजेंट पंकज ने पूणे की सांई प्रसाद प्रापर्टी कंपनी में निवेश कर दी थी। इस निवेश की मैच्युरिटी 20 नवंबर 2017 थी। दोनों ही निवेशों की मैच्युरिटी तिथी के बाद भी रकम की मांग किए जाने पर एजेंट पंकज से कंपनी बंद हो जाने का हवाला देकर रकम वापसी में अपनी असमर्थता जताई। साथ ही रकम को ब्याज के साथ लौटाने का करार किया। इसके बावजूद रकम नहीं मिलने पर प्रकरण को जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
फोरम ने एजेंट को नहीं माना जिम्मेदार
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने निवेश की रकम वापस नहीं मिलने के मामले में एजेंट को जिम्मेवार नहीं माना। फोरम ने रूचि रियल स्टेट एलाइड तथा पूणे की सांई प्रसाद प्रापर्टी कंपनियों को सेवा में कमी के साथ व्यवसायिक दुराचरण का दोषी माना है। फोरम ने दोनों कंपनियों को एक माह की अवधि में निवेश की गई रकमों को ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया है। साथ ही दोनों कंपनियों पर इससे निवेशक को हुई मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 20 हजार रु. व 5 हजार रु. अदा करने का आदेश दिया है।

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