बैंक में क्लीयरेंस के लिए जमा कराए गए चेक को गुमा दिए जाने के मामले में उपभोक्ता फेरम द्वारा आदेश पारित किया गया है। फोरम ने बैंक प्रबंधक को चेक की रकम के साथ 10 हजार रु. का हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला केनरा बैंक की शहर में संचालित शाखा से संबंधित है। बैंक के खाताधारक गांधीनगर डिपरापारा निवासी मुकेश कुमार सोनकर को 82 हजार 280 रुपये का चेक भुगतान के लिए बैंक की शखा में जमा किया गया था। 3 नवंबर 2016 को जमा किए गए इस चेक के अपर्याप्त राशि के आभाव में बाउंस हो जाने की जानकारी बैंक ने 29 नवंबर 2016 के दी थी। साथ ही बताया गया था कि जमा चेक कहीं गुम हो गया है। जिस प मुकेश ने चेक जारीकर्ता से संपर्क कर पुन: चेक जारी करने का निवेदन किया, लेकिन उसने इंकार कर दिया। जिसके बाद प्रकरण को जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने बैंक प्रबंधन द्वारा अपनाई गई इस कार्यप्रणाली को सेवा में निम्नता की श्रेणी में माना। फोरम ने बैंक प्रबंधक को एक माह की अवधि में चेक की राशि 82 हजार 280 रु. का ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही इससे खाताधारक को हुई मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार रु. व वाद व्ययकी राशि 1हजार रु. का भुगतान किए जाने का निर्देश दिया है।