विश्व मधुमेह दिवस: 2024 में थीम “ब्रेकिंग बैरियर्स, ब्रिजिंग गैप्स”, मधुमेह से बचाव और जागरूकता पर जोर

नई दिल्ली। हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा मधुमेह जागरूकता अभियान है। इस वर्ष, विश्व मधुमेह दिवस की थीम है “ब्रेकिंग बैरियर्स, ब्रिजिंग गैप्स”, जो मधुमेह के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों को तोड़ने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के जरिए मरीजों के जीवन में सुधार लाने की ओर इशारा करती है।

मधुमेह एक गंभीर रोग है जिसमें शरीर भोजन से बनने वाले ग्लूकोज का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता। इसमें मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं – टाइप 1, टाइप 2 और गर्भकालीन मधुमेह। टाइप 2 मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक ऐसा रोग है जिसे जीवनशैली में सुधार और स्वस्थ आहार से नियंत्रित किया जा सकता है। इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन (IDF) के अनुसार, 2021 में मधुमेह के कारण 67 लाख मौतें हुईं, और लगभग 53.7 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित थे।

दुनिया में लगभग 1 में से 2 वयस्क जो मधुमेह से ग्रसित हैं, उनमें से 44% लोग अज्ञात रहते हैं। यह गंभीर समस्या खासकर टाइप 2 मधुमेह के मरीजों के बीच है, जिन्हें शुरुआत में सही जानकारी नहीं मिल पाती।

मधुमेह पर काबू पाने के लिए हर साल बदलती थीम के तहत जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। 2023 में “एक्सेस टू डायबिटीज केयर”, 2022 में “एक्सेस टू डायबिटीज एजुकेशन”, 2021 में “एक्सेस टू डायबिटीज मेडिसिन्स एंड केयर” जैसे विषयों पर जागरूकता फैलाई गई थी। इस साल की थीम मधुमेह के कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को भी ध्यान में रखती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, टाइप 2 मधुमेह को नियंत्रित और रोका जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय सहायक हो सकते हैं:

  • चीनी और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें।
  • एक बार में छोटी मात्रा में भोजन करें।
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
  • नियमित व्यायाम की आदत डालें, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट।
  • रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें।
  • मीठे पेय और शक्कर युक्त पेय पदार्थों से बचें और पानी का सेवन अधिक करें।

इस वर्ष का विश्व मधुमेह दिवस का लक्ष्य दुनिया भर में मधुमेह की बेहतर जागरूकता फैलाना है, ताकि लोग इस “मौन हत्यारे” से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लें।