फायनेंस पर लिए गए वाहन की पूरी राशि का भुगतान कर दिए जाने के बावजूद डीलर द्वारा वाहन के दस्तावेंज उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले फैसला सुनाया है। फोरम ने डीलर को दस्तावेंज उपलब्ध नहीं कराए जाने से क्रेता को हुई मानसिक वेदना के लिए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला राजनांदगांव के मारूफ मोटर्स से संबंधित है। ग्राम विनायकपुर निवासी प्रकाश कोष्टा ने मारूफ मोटर्स ने रोजगार के लिए 28 सिंतबर 2017 को 2 लाख 67 हजार 200 की कींमत का डिलीवरी वाहन खरीदा था। इस राशि में वाहन का पंजीयन व फिटनेस शुल्क समाहित था। वाहन के लिए अग्रिम राशि 77 हजार 200 रु. का भुगतान किया गया था। शेष राशि को बैंक से लोन लेकर अदा किया गया। पूरी कींमत अदा किए जाने के बावजूद डीलर द्वारा वाहन के पंजीयन व फिटनेस संबंधी दस्तावेंज प्रदान किए जाने में हीला हवाली की जा रही थी। अधिवक्ता के माध्यम से रजिस्टर्ड नोटिस भेजे जाने के बावजूद दस्तावेंज नहीं मिलने पर प्रकरण को जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण पर विचारण के दौरान डीलर द्वारा वाहन के दस्तावेंज वाहन मालिक को उपलब्ध कराए गए। दस्तावेंज उपलब्ध कराने में की गई लेट लतीफी को फोरम ने सेवा में कमी की श्रेणी में माना। फोरम से विलंब से हुई वाहन मालिक को वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए 5 हजार रु. तथा वादव्यय की राशि 1 हजार रु. एक माह की अवधि में अदा करने का आदेश डीलर को दिया है।