बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में फर्जी मेडिकल इंस्टीट्यूट्स का कारोबार तेजी से फैलता जा रहा है। हाल ही में बिलासपुर के “चैतन्य इंस्टीट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंस” नामक एक फर्जी मेडिकल कॉलेज का भंडाफोड़ हुआ है। मंगलवार को इस संस्थान में एडमिशन लेने वाले छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया और कार्रवाई की मांग की। छात्रों का आरोप है कि उन्हें मेडिकल डिग्री देने का झांसा देकर दाखिला कराया गया था, जबकि कोई पढ़ाई नहीं कराई जा रही है।
छात्रों का कहना है कि काउंसलिंग के समय इसे एक मान्यता प्राप्त संस्था बताया गया था, लेकिन जब उन्हें रसीद और आईडी कार्ड दिए गए, तो उन पर किसी भी कोर्स का नाम अंकित नहीं था। संस्थान द्वारा यह भी कहा गया कि फाइनल रिजल्ट मध्य प्रदेश से मिलेगा, जिससे छात्रों को संस्था की विश्वसनीयता पर शक हुआ।
छात्रों ने बताया कि लैब टेस्ट और अन्य गतिविधियों के लिए उन्हें दूसरी जगह भेजा जा रहा है, जबकि सभी छात्रों से अलग-अलग फीस ली गई है। कुछ ने 45,000 रुपये तो कुछ ने 55,000 रुपये तक जमा किए हैं। जब छात्रों ने डायरेक्टर दिनेश चंद्र और मैनेजर सुनील वैष्णव से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
छात्र-छात्राओं ने मांग की है कि प्रशासन इस फर्जीवाड़े की जांच करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।