भारत और चीन के बीच तनाव में कमी का संकेत देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कहा कि दोनों देशों की सेना के बीच विघटन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जयशंकर ने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ स्थिति अब मई 2020 से पहले की स्थिति में लौट आई है। भारत लंबे समय से यह दोहरा रहा है कि चीन के साथ संबंध सामान्य तभी होंगे जब सीमा पर स्थिति 2020 से पहले जैसी हो जाएगी।
2020 में भारत और चीन के बीच संबंध तब बिगड़े थे जब बीजिंग ने LAC पर आक्रामक रुख अपनाया था। 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी आक्रमण को रोकने के प्रयास में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीनी सैनिकों की भी अज्ञात संख्या में मौत हुई थी।
पिछले चार वर्षों में दोनों देशों ने कई दौर की राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ता की है। एस जयशंकर ने बताया कि लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में 2020 के बाद दोनों पक्षों द्वारा गश्त को रोक दिया गया था। अब दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बन गई है कि गश्त फिर से शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा, “हम 2020 की स्थिति में वापस आ गए हैं और अब गश्त की अनुमति मिल गई है। विघटन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यह बहुत धैर्यपूर्ण और सतत कूटनीति का परिणाम है।”
जयशंकर ने आगे कहा कि यह समझौता सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है, और इससे भारत-चीन संबंधों में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।