भिलाई: शहर के शिशुरोग विशेषज्ञ और अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल के पूर्व संचालक डॉ. एमके खंडूजा को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। दुर्ग पुलिस ने उन्हें कोलकाता से गिरफ्तार कर दुर्ग लाया है। डॉ. खंडूजा पर बीएसपी कर्मचारियों, शहर के प्रमुख ग्रुपों और अन्य लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप हैं।
कोलकाता से गिरफ्तारी
दुर्ग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर ने बताया कि डॉ. एमके खंडूजा अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल स्मृति नगर के संचालक और BSR स्कैन सेंटर भिलाई-दुर्ग-नागपुर के निदेशक रह चुके हैं। वे पहले नेहरू नगर में रहते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से फरार थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि वे कोलकाता में छिपे हुए हैं। इसके बाद दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के निर्देशन में एक टीम को कोलकाता भेजा गया, जहां से उन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया। फिलहाल, डॉ. खंडूजा से सुपेला थाने में पूछताछ जारी है।
गबन और धोखाधड़ी के आरोप
पुलिस के अनुसार, डॉ. खंडूजा ने करोड़ों रुपए का गबन किया है। उन्होंने बीएसपी कर्मचारियों और अन्य निवेशकों को अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल में निवेश करने के लिए आकर्षित किया, और 3-5 प्रतिशत ब्याज का वादा करके उनकी जीवनभर की कमाई हड़प ली। इसके अलावा, उन्होंने रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव के प्रमुख डॉक्टरों और व्यवसायियों से भी बड़ी रकम इनवेस्ट कराई थी।
हॉस्पिटल बेचकर फरार
डॉ. खंडूजा पर बैंक से लिए गए बड़े लोन को चुकाने के लिए भी धोखाधड़ी का आरोप है। उन्होंने बैंक लोन का भुगतान करने के बाद अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल को हाईटेक के संचालक मनोज अग्रवाल और मित्तल ग्रुप के संचालकों को बेच दिया और उसके बाद फरार हो गए। बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल बेचने से मिली बड़ी रकम लेकर उन्होंने निवेशकों का पैसा नहीं लौटाया। उनके परिवार के सदस्य, जो अपोलो बीएसआर के निदेशक थे, फिलहाल भिलाई में ही रह रहे हैं।