गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवादियों की ताकत में 85% की कमी आई है और देशभर में 14 शीर्ष सीपीआई (माओवादी) नेताओं का सफाया किया गया है। उन्होंने नक्सल प्रभावित राज्यों से अपील की कि वे मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (LWE) का अंत करने के लिए एक अंतिम प्रयास में शामिल हों, ताकि स्थानीय लोग विकास के फायदों का अनुभव कर सकें, जो कि उग्रवादियों द्वारा अवरुद्ध हैं।
शाह की यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में दो दिवसीय अभियान में 31 नक्सलियों के मारे जाने के बाद आई है। इस साल अब तक कुल 237 माओवादी मारे जा चुके हैं, जबकि 812 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 723 ने आत्मसमर्पण किया है।
गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री, बिहार के उपमुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश के गृहमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, उप-NSA, और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों तथा डीजीपी को संबोधित करते हुए कहा कि नक्सलियों ने न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है, बल्कि वे दूरदराज के क्षेत्रों में विकास के लिए सबसे बड़े बाधा बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि 8 करोड़ आदिवासियों सहित स्थानीय लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कनेक्टिविटी और वित्तीय समावेशन जैसे लाभों से वंचित किया गया है।
शाह ने कहा, “LWE के प्रति जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण और सरकारी योजनाओं के 100% कार्यान्वयन के साथ, हम LWE प्रभावित क्षेत्रों का पूर्ण विकास करना चाहते हैं।”