आज आतिशी ने दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाल लिया है, जो अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद संभव हुआ। इस मौके पर आतिशी ने अपनी स्थिति की तुलना हिंदू महाकाव्य रामायण से की। उन्होंने कहा, “मेरी स्थिति भारत जैसी है, जब भगवान श्रीराम वनवास पर गए थे और भारत को उनकी अनुपस्थिति में राज्य चलाना पड़ा था।”
43 वर्षीय आतिशी ने वादा किया है कि वे आगामी चार महीनों तक दिल्ली सरकार का संचालन करेंगी, ठीक वैसे ही जैसे भारत ने भगवान राम की ‘खड़ाऊं’ (चरण पादुका) को सिंहासन पर रखकर राज्य चलाया था।
मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद, आतिशी ने अपने पास एक खाली कुर्सी रखी, जो अरविंद केजरीवाल के प्रति उनके सम्मान और विश्वास का प्रतीक थी। आतिशी ने कहा, “यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है। मुझे पूरा विश्वास है कि चार महीने बाद दिल्ली की जनता उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी।”
शनिवार को आतिशी ने अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ ली, जिसमें कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला गया। आतिशी खुद शिक्षा, वित्त, ऊर्जा और PWD जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगी, जो कुल मिलाकर 13 विभाग हैं। उनके साथ, सौरभ भारद्वाज ने भी अपने आठ विभागों का कार्यभार संभाला। नए मंत्री मुकेश अहलावत को श्रम, SC/ST और रोजगार जैसे विभाग सौंपे गए, जबकि गोपाल राय ने विकास, पर्यावरण और सामान्य प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी बरकरार रखी।
आतिशी के इस कदम से दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ है, जिसमें वे अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सरकार को सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।