राहुल गांधी ने उठाया इंडिया-चाइना बॉर्डर विवाद, पीएम मोदी पर लगाया चीन को ठीक से हैंडल न करने का आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर इंडिया-चाइना बॉर्डर विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। इस बार उन्होंने यह मुद्दा विदेश में उठाया, जब वे अमेरिका के दौरे पर थे। वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में बोलते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के साथ सीमा विवाद को सही तरीके से नहीं संभाल पा रहे हैं।

क्या कहा राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, “अगर आप हमारे 4,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चीनी सैनिकों की मौजूदगी को अच्छी तरह से संभालना कहते हैं, तो यह सही नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि “लद्दाख में दिल्ली के आकार की ज़मीन पर चीनी सैनिकों ने कब्जा कर लिया है, और यह एक बड़ी आपदा है।”

राहुल गांधी ने यह मुद्दा लद्दाख दौरे के दौरान भी उठाया था। कारगिल में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, “चीन ने भारतीय जमीन के हजारों वर्ग किलोमीटर हिस्से पर कब्जा कर लिया है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की एक इंच जमीन भी नहीं ली गई है।” उनका यह बयान प्रधानमंत्री मोदी की उस टिप्पणी की ओर इशारा करता है, जो जून 2020 में गलवान घाटी में चीन के साथ हुए संघर्ष के बाद दी गई थी। उस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की जान गई थी।

प्रधानमंत्री मोदी का पक्ष

राहुल गांधी के आरोप उस समय की ऑल पार्टी मीटिंग से जुड़े हैं, जब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि “न तो कोई भारतीय क्षेत्र में घुसा है, न ही कोई मौजूद है और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया है।” राहुल गांधी के अनुसार, पीएम मोदी का यह बयान वास्तविक स्थिति को छिपाने की कोशिश है।

चीन की बढ़ती ताकत और भारत की चुनौतियां

अमेरिका में छात्रों और विभिन्न समूहों के साथ बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी हो रहा है, जबकि भारत और अमेरिका बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को मैनुफैक्चरिंग (उत्पादन) पर ध्यान देना होगा ताकि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

राहुल गांधी की चिंताएं और सुझाव

राहुल गांधी का मानना है कि भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए आक्रामक रणनीति अपनानी चाहिए। उनका कहना है कि देश को अपनी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना होगा और आर्थिक विकास पर जोर देना होगा। साथ ही, उन्होंने भारतीय क्षेत्र पर चीन के कब्जे को एक गंभीर मुद्दा बताया और इसे भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बताया।

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