छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती को लेकर बेरोजगारों का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को आकर्षित करने के लिए वादा किया था कि सत्ता में आने पर 57,000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। चुनाव के बाद सत्ता में आने पर, खुद शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। लेकिन अब तक यह वादा केवल कागजों पर ही रह गया है। सरकार के इस रवैये ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के बीच नाराजगी बढ़ा दी है।

छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित बीएड और डीएड संघ ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं ने रुद्री चौक से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पैदल मार्च किया और नारेबाजी की। उनकी तीन प्रमुख मांगें हैं:

  1. 33,000 शिक्षकों की भर्ती: प्रदेश के स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के 33,000 पदों पर सभी विषयों के लिए जल्द से जल्द भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए।
  2. विषयवार शिक्षक वर्ग 2 की भर्ती: यह मांग है कि शिक्षक वर्ग 2 की भर्ती विषयवार हो ताकि सभी विषयों के योग्य उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके।
  3. स्कूल बंद करने का फैसला रद्द हो: संघ ने मांग की है कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर जिन हजारों स्कूलों को बंद किया गया है, उन्हें फिर से खोला जाए और बंद करने का फैसला स्थायी रूप से रद्द किया जाए।

प्रदर्शनकारी भाजपा सरकार पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कह रहे हैं कि चुनाव से पहले शिक्षक भर्ती का वादा किया गया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। धमतरी जिले सहित राज्य के कई हिस्सों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बच्चों की शिक्षा के स्तर में गिरावट आ रही है और इसका सीधा असर भविष्य पर पड़ रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो आगामी चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। उनका कहना है कि यदि ऐसा होता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार और प्रशासन की होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page