छत्तीसगढ़ और झारखंड में आदिवासियों की जमीन पर सुरक्षा कैंप: रिपोर्ट में गंभीर आरोप

नई दिल्ली। हाल ही में जारी एक नागरिक रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ और झारखंड में सुरक्षा कैंपों को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के बाद से ज्यादातर सुरक्षा कैंप आदिवासियों की निजी या सामुदायिक जमीनों पर उनकी सहमति के बिना और कानूनों का उल्लंघन करते हुए स्थापित किए गए हैं।

‘सुरक्षा और असुरक्षा, बस्तर संभाग, छत्तीसगढ़, 2023-24’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक तथ्य-खोज दल द्वारा क्षेत्रों का दौरा करने के बाद यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इसमें कहा गया है कि बस्तर और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में लगाए गए अर्धसैनिक कैंप कई कानूनों का उल्लंघन करते हुए स्थापित किए गए हैं, जो स्थानीय आदिवासियों पर “थोपने” जैसा है।

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि आदिवासी क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के नाम पर आदिवासियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे कैंपों के जरिए आदिवासियों की निजी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है, जिससे वहां के निवासियों में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है।

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