बांग्लादेश छात्रों का प्रदर्शन: शेख हसीना सरकार ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाया कर्फ्यू

शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार ने शुक्रवार रात को देशभर में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। सरकार ने यह कदम सरकारी नौकरियों के आवंटन को लेकर हो रही घातक झड़पों के बाद उठाया है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, इन झड़पों में अब तक कम से कम 105 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।

बांग्लादेश में कर्फ्यू की घोषणा सत्ताधारी अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने की। उन्होंने कहा कि यह कदम नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद के लिए उठाया गया है। इससे कुछ ही घंटे पहले पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इसके साथ ही, राजधानी ढाका में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

प्रदर्शनकारी, जिनमें ज्यादातर छात्र हैं, ढाका और अन्य शहरों में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन नौकरियों में उन युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए भी आरक्षण है जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना की समर्थक अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को फायदा पहुंचाती है। वे चाहते हैं कि इस प्रणाली को मेरिट आधारित प्रणाली से बदला जाए।