छत्तीसगढ़: राज्य महिला आयोग ने ग्राम चिरपोटी, थाना अंडा में एक प्रेम विवाह के कारण सामाजिक बहिष्कार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की है। यह मामला तब सामने आया जब एक जोड़े को प्रेम विवाह के बाद उनके समाज ने बहिष्कृत कर दिया। महिला आयोग की सुनवाई के बाद समाज के पदाधिकारियों ने अपनी गलती स्वीकार की और सामाजिक बहिष्कार समाप्त करने का वचन दिया।
महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि प्रार्थी महिला ने अपने समाज के लड़के से आर्य समाज में विवाह किया था। हालांकि, यह विवाह साहू समाज के अध्यक्ष और सदस्यों को स्वीकार नहीं था। समाज के सदस्यों ने इस विवाह को अस्वीकार करते हुए महिला और उसके पति पर करीब 51,500 रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया। इसके अलावा, शिकायतकर्ता महिला के पति पर अतिरिक्त 7,000 रुपये का दंड भी लगाया गया।
महिला ने इस अन्याय की शिकायत राज्य महिला आयोग में की, जिसके बाद आयोग ने 4 जुलाई को ग्राम चिरपोटी में सुनवाई आयोजित की। सुनवाई के दौरान संरक्षण अधिकारी प्रीतिबाला शर्मा, समाज सेविका और पुलिस बल की उपस्थिति में समाज के पदाधिकारी और लोगों को बुलाया गया।
सुनवाई के बाद, समाज के पदाधिकारियों ने अपनी गलती स्वीकार की और सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने का वचन दिया। राज्य महिला आयोग की इस कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि सामाजिक बहिष्कार जैसी प्रथाएं अस्वीकार्य हैं और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
महिला आयोग ने इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए न्याय दिलाया है, जिससे पीड़ित जोड़े और समाज में एक सकारात्मक संदेश गया है।