ऑनलाईन सट्टा ऐप के 10 युवक गिरफ्तार, मास्टरमाइंड ओम सिंह फरार

भिलाई। दुर्ग पुलिस ने ऑनलाईन सट्टा ऐप रेड्डी अन्ना-250, लेजर-21 और लोटस 33 के पैनल से जुड़े 10 युवकों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। हालांकि, इस मामले का मास्टरमाइंड ओम सिंह अभी भी फरार है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 7 लैपटॉप, 23 एंड्रॉयड मोबाइल फोन और हिसाब-किताब के अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

आरोपियों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से सट्टे के पैसे का लेन-देन किया था। इन बैंक खातों और मोबाइल नंबरों से कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम) रिचा मिश्रा, और उप पुलिस अधीक्षक आशीष बंछोर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बिहार के आरा में किराये के मकान में ऑनलाईन गेमिंग ऐप के तीन पैनल संचालित हो रहे थे। ओम सिंह नामक व्यक्ति के माध्यम से नई आईडी और बैंक खाते लेने का काम हो रहा था। यहीं से पुलिस ने कार्रवाई की।

दुर्ग पुलिस द्वारा ऑनलाइन सट्टा के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर सभी थानों की पुलिस ऑनलाईन सट्टा कारोबार करने वालों पर नजर रख रही थी। इसी बीच, पुलिस को विशेष सूत्रों से सूचना मिली कि आरा, बिहार निवासी अभिषेक कुमार ऑनलाईन गेमिंग सट्टा ऐप की नई आईडी और बैंक खाते लेने उतई बस स्टैंड के पास किसी का इंतजार कर रहा है। इस सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर संदेही को पकड़ा और पूछताछ शुरू की।

पूछताछ में अभिषेक कुमार ने बताया कि वह उतई में ओम सिंह के माध्यम से ऑनलाईन गेमिंग सट्टा ऐप की नई आईडी और बैंक खाते लेने आया था। पहले भी वह ओम सिंह के माध्यम से खाते ले चुका है। वर्तमान में वह आरा, बिहार के गोड़ान रोड में किराये के मकान में रहकर रजनेश सिंह, रवि कुमार, शिशुपाल सिंह, शंकर यादव, अमित कुमार सिंह, अविनाश कुमार, ऋषभ कुमार सिंह, प्रिंस कुमार और रिशांत सिंह नाम के युवकों को लैपटॉप, एंड्रॉयड मोबाइल फोन, वाईफाई और विभिन्न बैंक खाते उपलब्ध कराता है और ऑनलाईन गेमिंग ऐप रेड्डी अन्ना-250, लेजर-21 और लोटस 33 पैनल का संचालन करता है।

इस प्रकार, पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए ऑनलाइन सट्टा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।